दयानंद कला महाविद्यालय, लातूर महाराष्ट्र राज्य, भारत.
हिंदी विभाग
हिंदी विभाग का इतिहास :
सन 1961 ई. में महाविद्यालय की स्थापना के साथ ही हिंदी विभाग की स्थापना हुई। आरंभ में केवल स्नातक पाठ्यक्रम की व्यवस्था थी, आगे चलकर साहय्यता अनुदान के आधार पर सन् 1972 ई. में स्नातकोत्तर पाठ्य क्रम की व्यवस्था की गई। महाविद्यालय की स्थापना के समय महाविद्यालय और हिंदी विभाग, मराठवाडा वि श्वविद्यालय औरंगाबाद के साथ जुड़ा हुआ था । कलांतर से मराठवाडा विश्वविद्यालय औरंगाबाद का विभाजन होने के बाद स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड़ा विश्वविद्यालय नांदेड़ की स्थापना हो गई। तब से लेकर आज तक यह विभाग स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड़ा विश्वविद्यालय, नांदेड़ से जुड़ा हुआ है। विश्वविद्यालय ने विभाग को बिना-अनुदान के आधार पर नियमित एम.फिल का पाठ्यक्रम दिया था। पूरे विश्व विद्यालय में हमारा विभाग एकमात्र विभाग है, जहां पर एम.फिल का पाठ्यक्रम चलाया जाता था। नई शिक्षा नीति के बाद 2020 से एम. फिल पाठ्यक्रम यू.जी.सी के आदेश पर बंद किया गया है। विभाग का स्वतंत्र अनुसंधान केंद्र है जिसमें एम. फिल और पीएच.डी के अनेक छात्रों ने अनुसंधान कार्य सफलता से पूर्ण किया है।
फैकल्टी : ( वर्तमान संकाय)
डॉ. जोगेंद्रसिंह बिसेन समकुलपति – स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाडा विश्वविद्यालय, नांदेड
डॉ. पी. एस. सूर्यवंशी हिंदी विभाग प्रमुख, – 2019 से अब तक
अध्यापकों के नाम:
१) डॉ. जोगेंद्रसिंह बिसेन – प्रोफेसर
२) डॉ. पी. एस. सूर्यवंशी – एसोसिएट प्रोफेसर Staff Profile / Resume PDF
अध्यापकों के नाम: (सी.एच.बी)
१) डॉ. विजयकुमार कांबले Staff Profile / Resume PDF
२) डॉ. प्रणिता फड Staff Profile / Resume PDF
३ ) डॉ. सुलभा शेंडगे Staff Profile / Resume PDF
४) डॉ. वनीता आग्रे Staff Profile / Resume PDF
५) डॉ. शिवकांता सुरकुटे Staff Profile / Resume PDF
६) डॉ. महारुद्र सिरसट Staff Profile / Resume PDF
७ ) डॉ. मीना घुमे Staff Profile / Resume PDF
फैकल्टी: – भूतपूर्व विभाग प्रमुख
प्रो. सदाविजय आर्य – 1961 से 1964
प्रो. भूदेव पाटील – 1964 से 1972
डॉ. चंद्रभानु सोनवणे – 1972 से 1977
प्रो. भूदेव पाटिल – 1977 से 1992
डॉ. घनश्याम भूतडा – 1992 से 1994
डॉ. एस.एम. रणसुभे – 1994 से 2001
डॉ रामानुज गिल्डा – 2001 से 2002
प्रो. जोगेंद्रसिंह बिसेन – 2002 से 2019
योग्यता ,अनुभव एवं विशेषज्ञता :
डॉ. जोगेंद्रसिंह बिसेन – एम.ए. बी.पीएड.एम.फिल, पीएच.डी, 28 वर्ष।
डॉ. पी.एस. सूर्यवंशी एम.ए.एम.फिल. बी.एड पीएच.डी 25 वर्ष।
डॉ.पी.पी.अग्रवाल एम.ए., एम.फिल, बी.एड, एसईटी पीएच.डी 17 वर्ष ( दिवंगत प्रोफेसर)
अकादमिक उपलब्धियाँ
प्राध्यापक ; विशेष परिचय
1) डॉ. जोगेंद्रसिंह बिसेन – एम.ए. बी.पीएड.,एम.फिल, पीएच.डी
– प्रो. जे.एम.बिसेन सीनेट के सदस्य एस.आर.टी.एम.यू., नांदेड़ तीसरा कार्यकाल।
– बी.ओ.एस. के भूतपूर्व सदस्य (हिंदी ) ।
– बीओएस के भूतपूर्व अध्यक्ष, एस.आर.टी.एम.यू. नांदेड़ ।
– कला संकाय के भूतपूर्व सदस्य एस.आर.टी.एम.यू., नांदेड़। (हिंदी)
– एस.आर.टी.एम.यू., नांदेड़ के आरआरसी के भूतपूर्व सदस्य।
– कला संकाय S.R.T.M.U, नांदेड़ के BUTR के भूतपूर्व सदस्य।
– एकेडमिक काउंसिल के सदस्य एस.आर.टी.एम.यू., नांदेड़।
– मान्यता प्राप्त पीजी शिक्षक पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार एस.आर.टी.एम.यू. नांदेड़।
–2012-2013 सर्वश्रेष्ठ जे.सी.एस. एस.आर.टी.एम.यू. द्वारा पुरस्कार नांदेड़।
– अन्य/सामाजिक कलारंग मंडल, लातूरी के अध्यक्ष
–जनकल्याण आवासीय विद्यालय परियोजना समिति, लातूरी के सदस्य
–लातूर रेलवे परामर्श समिति के सदस्य
2) डॉ.पी.एस. सूर्यवंशी : एम.ए. बी.एड.,एम.फिल, पीएच.डी
1) प्राध्यापक- दयानंद कला महाविद्यालय, लातूर – वर्ष 1996 से 2000, 1996 से 2000 तक बी. ए के लिए अध्यापन (UG)
2) असोसिए. प्रोफेसर ,दयानंद कला महाविद्यालय, लातूर, वर्ष -2004 से अब तक एम. ए के लिए अध्यापन (PG)
3) वर्ष 2003 से एम. फिल के लिए अध्यापन, 2016 से अब तक शोध निर्देशक
4) सदस्य हिंदी अध्ययन मंडल , स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाडा विश्वविद्यालय नांदेड़
शोध निर्देशक
एक विद्यार्थी पी.एच.डी उपाधि प्राप्त तथा 5 विद्यार्थी अनुसंधान में कार्यरत.
स्नातक एवं स्नातकोत्तर, हिंदी विभाग,दयानंद कला महाविद्यालय, लातूर
विषय तज्ञ
1) एम. फिल एवं पीएच. डी के लिए बहिस्थ हिंदी विषयतज्ञ, डॉ बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाडा विश्वविदयालय
2 )एम. फिल एवं पीएच. डी के लिए बहिस्थ हिंदी विषयतज्ञ, Mumbai vishwvidhlay,Mumbai
3) एम. फिल एवं पीएच. डी के लिए बहिस्थ हिंदी विषयतज्ञ, अमरावती विश्वविद्यालय
हिंदी विभाग की गतिविधियाँ :
१) एम. ए प्रथम वर्ष के छात्रों के स्वागत का कार्यक्रम
२) एम.ए द्वितीय वर्ष के छात्रों के बिदाई का कार्यक्रम
३ ) हिंदी साहित्य मंडल के माध्यम से हिंदी दिवस , हिंदी सप्ताह, एवं हिंदी पखवारा का आयोजन
४ ) छात्रों के लिए विविध स्पर्धाओं का आयोजन। जैसे- भित्तीपत्रक , निबंध, वाक् , शुद्धवर्तनी आदि
५) शैक्षिक यात्राओं का आयोजन।
६) छात्रों के लिए MOUS के अन्तर्गत उदयगिरि महाविद्यालय , उदगीर के हिंदी विभाग प्रमुख प्रो. डॉ. बलीराम बुक्तरे जी के साथ पाँच वर्ष का समझौता ( वे छात्रों को समय समय पर पाठ्योत्तर विषयोंपर मार्गदर्शन करते हैं।)
७) २९ अक्टूबर २०२१ को ” हिंदी के बुते : रोजगार के रास्तें ” एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन ।
८) नया पाठ्यक्रम ( New Course) २०१८-१९ में परिचय-पत्र (Baio -Data ) संपन्न किया गया।
भविष्य की योजनाएं:
अनुवाद प्रवीणता में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा कोर्स का परिचय
भाषा प्रयोगशाला बनाने की योजना है।
हिंदी के प्रति विद्यार्थियों में रूचि जागृत करना / विशेष मार्गदर्शन
अंतर्राष्ट्रीय /राष्ट्रीय संगोष्ठियों /कार्यशालाओं का आयोजन
प्रतियोगिता परिक्षों की तैयारी हेतु विशेष मार्गदर्शन.
जैसे : नेट -सेट, पेट, यु.पी.एस.सी , एम.पी.एस.सी ,बैंक आदि.